hanuman chalisa Secrets
hanuman chalisa Secrets
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Excellent hero, You will be as mighty as being a thunderbolt. You take away evil intellect and they are the companion of Individuals owning excellent types.
kumatiKumatiIgnorance / poor intellect nivāra NivāraPurify / cleanse sumatiSumatiWise / good intelligence keKeOf sangīSangīCompanion / Pal Meaning: Oh good hero with valiant entire body as potent as Indra’s Vajra (Thunderbolt/weapon), the remover of undesirable intellect or ignorance or evil ideas, oh the companion of the good.
सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै ।
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।
पिंक सिटी जयपुर के प्रमुख प्रसिद्ध मंदिर
The Stoic virtue of knowledge, or sophia, stands being a beacon guiding us through the complexities of everyday life. It's not necessarily just the accumulation of information, but fairly the appliance of knowing to navigate the planet with equanimity and discernment. Inside our fast-paced, details-saturated age, knowledge gets to be an indispensable
व्याख्या – संसार में रहकर मोक्ष (जन्म–मरण के बन्धन से मुक्ति) प्राप्त करना ही दुर्गम कार्य है, जो आपकी कृपा से सुलभ है।
भावार्थ– आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया। इस कार्य से प्रसन्न होकर भगवान् श्री राम ने आपको हृदय से लगा लिया।
In fury, the sage curses Hanuman to forget the overwhelming majority of his powers. The curse remains into effect, right up until He's reminded of his powers in his adulthood.
भावार्थ – more info आपकी इस महिमा को जान लेने के बाद कोई भी प्राणी किसी अन्य देवता को हृदय में धारण न करते हुए भी आपकी सेवा से ही जीवन का सभी सुख प्राप्त कर लेता है।
Thai iconography of Hanuman. He is one of the preferred figures while in the Ramakien.[141] Hanuman plays a noticeably additional well known role from the Ramakien.[142] In contrast into the rigid devoted lifestyle to Rama of his Indian counterpart, Hanuman is understood in Thailand like a promiscuous and flirtatious determine.
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।
भावार्थ – जो प्राणी वीरश्रेष्ठ श्री हनुमान जी का हृदयसे स्मरण करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।